बुढ़ापे में बिंदास जीने के लिए तैयार करें लाखों-करोड़ का फंड, गारंटीड रिटर्न देने वाली ये हैं 2 दमदार स्कीम्स
PPF vs EPF: रिटायर होने के बाद यानी बुढ़ापे में बिंदास जीवन जीने के लिए जेब में हमेशा पैसा रहना जरूरी है. अब जब पैसे-रुपये की बात है, तो उसके लिए पहले से प्लानिंग भी करनी चाहिए.
PPF vs EPF: रिटायर होने के बाद यानी बुढ़ापे में बिंदास जीवन जीने के लिए जेब में हमेशा पैसा रहना जरूरी है. अब जब पैसे-रुपये की बात है, तो उसके लिए पहले से प्लानिंग भी करनी चाहिए. इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम पहलू रिटायरमेंट प्लानिंग भी है. बुढ़ापे के लिए जब भी पैसा जुटाना हो, तो आमतौर पर ऐसी स्कीम को चुनना बेहतर होता है, जिनमें जोखिम न हो और रिटर्न गारंटीड भी मिले. ऐसी दो स्कीम्स हैं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF). ये दोनों सरकार स्पांर्स्ड स्कीम्स हैं. इनमें ब्याज दर भी सरकार तय करती है और निवेश पर भी कोई रिस्क नहीं होता है.
किसे कहां करना चाहिए निवेश
EPF सैलरीड इंडिविजुअल के लिए एक रिटायरमेंट बेनेफिट प्लान है. इस स्कीम में कंपनी और कर्मचारी दोनों ही कंट्रीब्यूशन करते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस फंड को मैनेज करता है. दूसरी ओर, PPF को सभी इंडिविजुअल्स को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा के लिए डिजाइन की गई स्कीम है. पीपीएफ अकाउंट डेग्निजेटेड बैंकों या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है. EPF स्कीम में केवल सैलरीड इंडिविजुअल यानी सैलरी पाने वाले कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं. दूसरी ओर, PPF स्कीम में कोई भी व्यक्ति निवेश शुरू कर सकता है. EPF पर सालाना ब्याज दर अभी 8.15 फीसदी है. वहीं, PPF पर सरकार ने दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दर 7.1 फीसदी रखी है.
कितने समय करना होगा निवेश
PPF में मिनिमम 500 रुपये से अकाउंट खुलवाया जा सकता है. जबकि, EPF में बेसिक सैलरी का 24 फीसदी कंट्रीब्यूशन होता है, जिसमें 12 फीसदी कंपनी और 12 फीसदी कर्मचारी करता है. EPF से रिटायरमेंट या कंपनी छोड़ने (इस्तीफा) पर विद्ड्रॉल कर सकते हैं. जबकि, PPF में 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है. इसे 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है. पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं.
मिलती हैं कुछ खास सुविधाएं
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
PPF अकाउंट पर 3 साल के बाद लोन ले सकते हैं. वहीं, EPF अकाउंट पर खास स्थितियों जैसेकि मेडिकल इमरजेंसी, मकान, चाइल्ड एजुकेशन के लिए लोन ले सकते हैं. पीपीएफ में विद्ड्रॉल पर टैक्स नहीं लगता है, जबकि ईपीएफ में अगर 5 साल से पहले निकासी करते हैं तो टैक्स देना पड़ सकता है. वहीं, इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के अंतर्गत पीपीएफ और ईपीएफ में 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स डिडक्शन मिलता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
10:55 AM IST